एक दिन जब मैं एक गली में खड़ा था तो मुझे एक आवाज सुनाई दिया, क्या तुमको मालूम है कि तुम कहां खड़े हो यहां जिस्मों की बाजार लगती है। मैं एक मर्द नीली गुलाबी बल्बों वाले कोठे में खुद को बेचने के लिए खड़ा था। मैंने जवाब दिया हां दिख रहा है।
पर मैं पैसों के लिए कुछ भी करूंगा मेरे सामने अधेड़ उम्र की औरत नहीं वो ट्रांसजेंडर थी। पहली बार उसे देखा तो डर गया यह कौन है उसने मुझसे कहा बहुत एटीट्यूड है तेरे में! इधर नहीं चलेगा।
दिन के 9 से 10 घंटे एक आईटी कंपनी मैं नौकरी करने वाला मैं उस पल डरा हुआ था। लगा कि मेरा जमीर मर रहा है।
मैं एक ऐसे परिवार से हूं! जहां कोई सोच भी नहीं सकता कि मैं ऐसा कर सकता हूं। लेकिन मेरी जरूरतों ने मुझे इस ओर धकेल दिया था। कि मुझे कुछ समझ में नहीं आ रहा था मैंने उस औरत से पूछा मुझे कब तक रुकना होगा कल ऑफिस है मेरा।
उसने डांटते हुए बोला जा फिर जाकर ऑफिस ही कर रहा ले और फिर उसकी यह जवाब पाकर मैं चुप हो गया और मुझे पता ही नहीं था कि कुछ ही मिनटों में मैं इस बाजार के लिए एक नया माल एक नया छैला हो गया था।
वह ट्रांसजेंडर अचानक नरम होकर बोली तेरी तस्वीर भेजनी होगी नहीं भेजी तो कोई बात नहीं करेगा। सुनते ही मेरी हालत खराब हो गई। मेरी तस्वीर पब्लिक होने वाली थी मैं सोच रहा था कि कोई रिश्तेदार देख लेगा तो क्या होगा मेरा भविष्य का उसने पहले दाईं तरफ से फिर बाईं तरफ से और उसके बाद सामने से मेरी तस्वीर खींची। इसके अलावा दो आकर्षक तस्वीर भी मांगी गई। और मेरे सामने ही वह तस्वीर किसी को व्हाट्सएप पर भेजी। औरतस्वीरों के साथ लिखा था नया “माल” है। रेट ज्यादा लगेगा कम पैसे का चाहिए तो दूसरे का भेजती हूं मेरी बोली लग रही थी। जो अंत में ₹5000 में तय हुई।
इसमें मुझे क्लाइंट के लिए सब कुछ करना था यह सब किसी फिल्म में नहीं मेरे साथ हो रहा था। जो बहुत अजीब था! मैं जिंदगी में पहली बार यह सब करने जा रहा था। बिना प्यार इमोशन से कैसे करता एक अनजान के साथ यह बातसोच कर ही मेरा दिमाग चकरा रहा था। एक दिन पीली टैक्सी में बैठकर कोलकाता के एक पॉश इलाके के घर में घुसा वह शायद 32 या 34 साल की कोई शादीशुदा महिला थी। बातें शुरू हुई और उसने कहा! मैं तो गलत जगह फस गई हूं। मेरा पति अमेरिका में रहता है। और वह Gey है।
तलाक दे नहीं सकती एक तलाकशुदा औरतों से भला कौन शादी करेगा। मेरा भी अलग-अलग चीजों का मन होता है। बताओ क्या करूं?
हम दोनों ने शराब पी उसने हिंदी गाने लगा कर डांस करना शुरू किया। हम दोनों ने डाइनिंग रूम से बेडरूम गए अब तक उसने मुझसे प्यार से बात की थी। और जब काम जैसे ही खत्म हुआ पैसे देकर बोली! “चल कट ले” उसने मुझे टिप भी दी। तब उससे मैंने बोला यह सब मैं पैसों की मजबूरी की वजह से कर रहा हूं।
उसने जवाब दिया “तेरी मजबूरी को तेरा शौक बना दूंगी”। और मैं वहां से चला गया। खैर, मेरी मजबूरी कोलकाता से सैकड़ों किलोमीटर दूर मेरे घर से शुरू हुई थी।
मेरी लोअर मिडल क्लास फैमिली को मैं अनलकी लगता था क्योंकि मेरे जन्म के बाद ही पिता की नौकरी चली गई वक्त के साथ ही दूरियां बढ़ती गई। मेरा सपना एमबीए करने का था ।लेकिन इंजीनियरिंग करने को मजबूर किया गया। नौकरी लगी कोलकाता मे। ऑफिस के काम की वजह से धीरे-धीरे डिप्रेशन ने मुझे घेर लिया डॉक्टर के पास भी गया था। पर कुछ नहीं हुआ।
जिम्मेदारी और परेशानियों का गटर कंधों पर इतना भारी लगने लगा। कि मैंने इंटरनेट पर सर्च करना शुरू किया! मुझे पैसे कमाने थे ताकि मैं एमबीए कर सकूं। घर पैसे भेज सकूं। और कोलकाता की नौकरी छोड़कर भाग जाऊं। इस बीच मुझे इंटरनेट पर “मेल एस्कॉर्ट” यानी “जिगोलो” बनने का रास्ता दिखा! ऐसा फिल्मों में देखा था।
कुछ वेबसाइट होती हैं जहां जिगोलो बनने के लिए प्रोफाइल बनाई जा सकती है। लेकिन यह कोई जॉब प्रोफाइल नहीं था यहां जिस्म की बोली लगती थी। प्रोफाइल लिखने में डर लग रहा था। पर मैं उस दहलीज पर खड़ा था जहां से मेरे पास सिर्फ दो रास्ते बचे थे। पहला दहलीज से पीछे हट कर सुसाइड कर लूं। दूसरा दहलीज के पास जाकर जिगोलो बन जाऊं। मैंने दहलीज को पार करने का फैसला किया।
आज तक मैं जिन औरतों से मिला उनमें से शादीशुदा,तलाकशुदा और सिंगल लड़कियां भी शामिल थी। इनमें से ज्यादातर के लिए मैं इंसान नहीं बस एक माल था। जब तक उनकी इच्छाएं पूरी ना हो जाती सब अच्छे से बात करते थे कहती थी।अपने पति को तलाक देकर अब तुम्हारे साथ रहूंगी। लेकिन बेडरूम में बिताए कुछ वक्त के बाद सारा प्यार खत्म हो जाता।
और बोलती चल निकल यहां से पैसे उठा और भाग। और कई बार गालियां भी देती थी। एक बात तो सच था की यह सोसाइटी हमसे मजे भी लेती है और हम को प्रोस्टिट्यूट करके गालियां भी देती थी । एक बार एक पति पत्नी ने साथ में बुलाया पति सोफे पर बैठा शराब पीता रहा था।
और मैं उसी के सामने पलंग पर उसके पत्नी के साथ था। यह काम दोनों के राजा मंदी से हो रहा था। शायद दोनों की ही कोई डिजायर रही हो इसी बीच एक दिन एक 50 साल की महिला भी मेरी क्लाइंट बनी। वह मेरी जिंदगी का सबसे अलग अनुभव था ।
वह मुझसे पूरी रात मेरे से बेटा बेटा कह कर बातें करती रही । वह बताती रही कि कैसे उनका बेटा और उनका पूरा परिवार उनका प्रवाह नहीं करता । उनसे दूर रहता है उस रात हमारे बीच शिवाय बातों के कुछ नहीं हुआ सुबह उन्होंने बेटा कहते हुए मुझे कुछ रुपए भी दिए। जैसे एक मां देती है बच्चे को स्कूल जाते हुए । ठीक वैसे ही! मुझे वाकई उस महिला के लिए बहुत दुख हुआ। फिर एक रोज जब मैंने शराब पी हुई थी। और जिंदगी से थकान महसूस कर रहा था।
मैंने मां को फोन किया मैंने गुस्से में कहा तुम पूछती थी, कि अचानक तुम ज्यादा पैसे क्यों भेजने लगे। तो सुनो मैं धंधा करता हूं धंधा ! फिर उन्होंने बोला चुप कर शराब पीकर कुछ भी बोलता है यह कह कर मां ने फोन रख दिया। मैंने मां को अपना सच बताया था ।लेकिन उन्होंने मेरे बात को अनसुना कर दिया। आखिर मेरे भेजे हुए पैसे समय से घर पहुंच रहे थे ना, और मैं उस रात बहुत रोया।
क्या मेरी वैल्यू इस पैसे तक ही थी। इसके बाद मैंने मां से कभी ऐसे कोई बात नहीं की और धंधे में बना रहा। क्योंकि मुझे इस से पैसे जो मिल रहे थे। और मार्केट में मेरी डिमांड थी। लगा जब तक कोलकाता में नौकरी करनी पड़ेगी। और एमबीए में एडमिशन नहीं ले लूंगा तब तक यह करता रहूंगा। लेकिन इस धंधे में कभी-कभी ऐसे अजीब लोग मिलते थे।
जो शरीर पर खरोच छोड़ देते थे। यह निशान शरीर पर भी होते थे। और आत्मा पर भी। और इस दर्द को दूसरा जिगोलो ही समझ पाता था ।सोसाइटी चाहे जैसे देखें इस प्रोफेशन में मुझे जाने का कोई अफसोस नहीं है। मैंने अब एमबीए भी कर लिया इस एमबीए के दम पर आज एक नई नौकरी कर रहा हूं।
नई जगह पर हूं। नए दोस्त भी बने हैं। जिन्हें मेरे अतीत के बारे में कुछ भी नहीं मालूम शायद यह बातें कभी किसी को नहीं बता पाऊंगा। हम दोस्त बाहर जाते हैं फिल्में देखते हैं। घूमते हैं और इंजॉय करते हैं। हां पर अतीत के बारे में सोचो तो कई बार चुभता है! यह एक ऐसा चैप्टर है जो मेरे मरने के बाद भी कभी बदलेगा।